Organising a corporate meet or conference, celebrating wedding,
wedding anniversary or birthday and arranging of a
gettogether, seminar or annual day can be
turned into a humorous auspicious
occasion with SAMPAT SARAL

Eminent Hindi Satirist Sampat Saral is currently the only name after Sharad Joshi and K. P. Saxena, who present humorous prose in Kavisammelan, Live humour and Mushayara. Sampat Saral, who exposes the social, cultural and political inconsistencies through sharp satire which are conceptual and objective. He writes in Hindi and Rajasthani. Two books have been published so far, Chaki dekh chunav ki (Rajasthani satire poetry) and EK MANZILA MAKAN MEIN LIFT (Hindi prose satire, Rajkamal Prakashan).

He has widely traveled USA, Canada, Russia, UAE, Thailand, Singapore, Oman and Nepal for presentation. M.A( Hindi), B.Ed from Rajasthan University. He did teaching work for short period, now devoted to independent writing.

शरद जोशी तथा के. पी. सक्सेना की कविसम्मेलनों और मुशायरों में हास्य-व्यंग्य गद्य-पाठ की परम्परा को आगे बढ़ाने वाला चर्चित नाम। अप्रैल 8, 1962 को शेखावाटी (राजस्थान) में जन्म। मैट्रिक तक की पढ़ाई गांव में। शेष शिक्षा जयपुर में। राजस्थान विश्वविद्यालय से एम.ए. (हिन्दी), बी.एड.। हिन्दी और राजस्थानी दोनों भाषाओं में समान रूप से लेखन। टी.वी. के लिए धारावाहिक लिखे, तो धारावाहिकों के लिए शीर्षक गीत भी। अबतक दो कृतियां- चाकी देख चुनाव की (राजस्थानी व्यंग्य-काव्य) तथा एक मंजिला मकान में लिफ्ट (हिन्दी गद्य-व्यंग्य, राजकमल प्रकाशन) प्रकाशित।

कविसम्मेलनों और मुशायरों में भागीदारी हेतु संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, जापान, कनाडा, सऊदी अरब, सिंगापुर, हांगकांग, संयुक्त अरब अमीरात, थाईलैंड, ओमान, नेपाल की यात्राएं। थोड़े समय अध्यापन कार्य भी। अब पूर्णतः स्वतंत्र लेखन।

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